January 7, 2023

फ्लाईकैचर की पहचान करना: रेड-ब्रेस्टेड, टैगा और कश्मीर फ्लाईकैचर

फ्लाईकैचर की पहचान करना: रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर (Red-breasted Flycatcher), टैगा फ्लाईकैचर (Taiga Flycatcher) और कश्मीर फ्लाईकैचर (Kashmir Flycatcher)

यह अंग्रेजी में प्रकाशित मूल लेख का हिंदी अनुवाद है। लेखक: तरुण मेनन और अश्विन विश्वनाथन, अनुवादक: प्रवर मौर्य

रेड-ब्रेस्टेड, टैगा और कश्मीर फ्लाईकैचर तीनो एक जैसे दिखने वाले फ्लाईकैचर हैं जो फिसेडुला (Ficedula) जीनस से संबंधित हैं। प्रारंभ में, इन तीनों को रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर की उप-प्रजाति माना जाता था लेकिन आणविक अध्ययनों से पता चला है कि ये तीनों अलग-अलग परन्तु एक ही पैतृक प्रजाति से अलग हुई प्रजातियां हैं। इन तीन प्रजातियों को अन्य ऊपरी रूप से समान दिखने वाली फ्लाईकैचर जैसे एशियाई ब्राउन (Asian Brown Flycatcher) और ब्राउन-ब्रेस्टेड (Brown-breasted Flycatcher) फ्लाईकैचर से, उन्हें उनकी सफेद किनारों वाली काली सी पूंछ और अक्सर पूंछ उठाने की उनकी प्रवृत्ति से अलग किया जा सकता है। लेकिन जैसा कि आपने देखा होगा, इन तीन प्रजातियों के बीच अंतर करना मुश्किल हो सकता है! हालाँकि नर की पहचान करना काफी आसान है परन्तु मादा और पहले शीतकालीन पक्षियों को अलग-अलग बता पाना बेहद मुश्किल है। ‘फ्लाईकैचर’ के लिए कई जगहों पर हिंदी भाषा में मक्खीमार या मछरिया शब्द का उपयोग किया जाता है।

 


टैगा फ्लाईकैचर पूंछ झटके से ऊपर-नीचे करने के (flicking) विशिष्ट व्यवहार को प्रदर्शित करता है जो इस समूह की सभी तीन प्रजातियों के लिए सामान्य है।

भौगोलिक क्षेत्र (रेंज)

रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर पूर्वी यूरोप और पश्चिम एशिया में प्रजनन करता है, टैगा फ्लाईकैचर मध्य और पूर्वी एशिया में प्रजनन करता है जबकि कश्मीर फ्लाईकैचर की प्रजनन सीमा कश्मीर के पश्चिमी हिमालय और पूर्वोत्तर पाकिस्तान तक ही सीमित है। अपनी विविध प्रजनन क्षेत्रों के बावजूद, तीनों प्रजातियां सर्दियों के मौसम में अक्टूबर से लेकर मार्च तक प्रायद्वीपीय भारत में पाई जा सकती हैं, अक्सर एक ही इलाके में! नीचे दिए गए प्रवासन मानचित्रों को देखें जो इन तीन प्रजातियों के प्रजनन और सर्दियों का क्षेत्र में अंतर को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। टैगा और रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर सर्दियों के दौरान पूरे प्रायद्वीप में लगभग एक समान आवास स्थान साझा करते हैं, लेकिन टैगा पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत (जहां रेड-ब्रेस्टेड शायद ही कभी-कभार पाया जाता है) में बहुत समान्य है। रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर पश्चिम में अधिक समान्य है (जहां टैगा भी सामान्यतः पाया जाता है)। कश्मीर फ्लाईकैचर को उत्तर और मध्य भारत में उनकी प्रवास यात्रा के दौरान देखा जा सकता है, लेकिन यह मुख्य रूप से नीलगिरी (जहां सभी तीन प्रजातियां हो सकती हैं) और श्रीलंका के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सर्दिया बिताता है। इसलिए, यदि आप इनमें से एक फ्लाईकैचर को पश्चिम बंगाल के पूर्व में देखते हैं, तो आप आश्वस्त हो सकते हैं कि यह एक टैगा फ्लाईकैचर है, और यदि आप प्रजनन के महीनों के दौरान कश्मीर में एक फ्लाईकैचर देखते हैं, तो आप काफी आश्वस्त हो सकते हैं कि यह कश्मीर फ्लाईकैचर है!


रेड-ब्रेस्टेड, टैगा फ्लाईकैचर का प्रवासन मानचित्र


कश्मीरी फ्लाईकैचर का प्रवास मानचित्र

पहचान: रेड ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर बनाम टैगा फ्लाईकैचर

कुछ हिंदी भाषी स्थानों पर रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर और टैगा फ्लाईकैचर के स्थानीय नाम के लिए ‘तुर्रा’ उपयोग किया जाता है।

चोंच:

टैगा फ्लाईकैचर की चोंच लगभग पूरी तरह से काली होती है। इसकी तुलना में, रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर की चोंच का रंग परिवर्ती होता है और पूरी तरह से गहरा (जैसे टैगा में ) से लेकर आंशिक रूप से हलका तक हो सकता है।

पक्षति या पक्षावरण (Plumage):

वयस्क प्रजनन करने वाले नर को गले और सीने पर लाल रंग की मात्रा से पहचानना अपेक्षाकृत आसान होता है। टैगा फ्लाईकैचर (जिसे रेड-थ्रोटेड फ्लाईकैचर भी कहा जाता है) में गहरा लाल रंग गले तक ही सीमित होता है, अक्सर (लेकिन हमेशा नहीं) गले और क्रीम रंग के पेट को अलग करता एक ग्रे रंग का पट्टा होता है। रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर में टैगा के विपरीत, लाल रंग, गले से लेकर सीने के ऊपरी भाग तक होता है जो सफेद पेट से जाकर मिल जाता है।

गैर-प्रजनन काल में, रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर के गले और सीने पर अनिश्चित मात्रा में लाल होता है, जबकि इस दौरान टैगा फ्लाईकैचर अपने गले का लाल रंग खो देता है। इस पक्षावरण में नर रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर कभी-कभी ऊपरी तौर पर एक नर टैगा फ्लाईकैचर के प्रजनन काल वाले पक्षावरण जैसा दिख सकता है, लेकिन याद रखें कि गैर-प्रजनन काल वाले नर टैगा फ्लाईकैचर के गले पर कोई लाल नहीं होता है और वह मादा पक्षी से मिलता-जुलता हो सकता है! आमतौर पर, केवल फरवरी तक ही उनका गला लाल होना शुरू होता हैं, जब वे अपने प्रजनन पक्षावरण के लिए पंख बदलना शुरू कर देते हैं। इसलिए, यदि आप अक्टूबर और जनवरी के बीच लाल-गले वाले पक्षी को देखते हैं, तो आप पूरी तरह से आश्वस्त हो सकते हैं कि यह लाल-छाती वाला फ्लाईकैचर (रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर) ही है, भले ही उसके सीने पर लाल रंग की कमी हो। इसके अतिरिक्त, रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर में सीने पर एक पूर्ण ग्रे रंग के पट्टे का अभाव होता है जिसे टैगा फ्लाईकैचर में देखा जा सकता है (हालांकि यह हमेशा स्पष्ट नहीं होता है)।

यदि आप किसी ऐसे पक्षी को देखते हैं जिसमें लाल रंग की कमी है (तो यह मादा, उप-वयस्क नर या गैर-प्रजनन नर टैगा हो सकता है: एक पक्षी को इस पक्षावरण में “मादा प्रकार” कहा जाता है), पहचान की कुंजीयों में से एक है इसकी सबसे लंबी (मध्य) ऊपरी दुम पंखनी (Uppertail coverts) है । ये पूंछ के आधार पर रम्प के ठीक नीचे वाला पंख हैं। रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर में भूरे-स्लेटी रंग के ऊपरी दुम पंखनी होता हैं जो आमतौर पर थोड़े हल्के या उसकी पूंछ के समान ही रंग का होता हैं, जबकि टैगा फ्लाईकैचर के ऊपरी दुम पंखनी (Uppertail coverts) लगभग स्याह-काला होता हैं और इसकी पूंछ के सामान गहरे या पूंछ की तुलना में अधिक गहरे रंग का होता हैं।

रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर (ऊपरी पंक्ति) के भूरे-स्लेटी रंग के ऊपरी दुम पंखनी और टैगा फ्लाईकैचर (निचली पंक्ति) के गहरे रंग के ऊपरी दुम पंखनी पर ध्यान दें। साथ ही, ध्यान दें कि निचली पंक्ति में सभी टैगा फ्लाईकैचर्स की चोंच गहरे रंग की है, लेकिन शीर्ष पंक्ति में सभी रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर्स की चोंच हल्के रंग की नहीं है!

(आभार – ऊपर से दक्षिणावर्त: मित्तल गाला, संदीप दास, श्रीराम रेड्डी, रेणुका विजयराघवन, इयान बर्गेस, प्रियम चट्टोपाध्याय)

नोट: पक्षावरण में कुछ अतिरिक्त अंतर जो कभी-कभी मादा प्रकारों की पहचान करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, उन्हें इस लेख में नहीं लिया गया है क्योंकि वे बहुत सूक्ष्म हैं और वे अक्सर प्रकाश पर निर्भर होते हैं।

आवाज़:

“मादा प्रकारों” को अलग बताने के लिए आवाज़ सबसे बेहतर तरीका है। दोनों फ्लाईकैचर सर्दियों के दौरान अक्सर अपनी पूंछ झटके से ऊपर-नीचे करते हुए (flicking) आवाज़ करते रहते हैं, संभवतः सर्दियों के अपने इलाके को अपनी प्रजाति के अन्य पक्षियों से बचाने के लिए। दोनों प्रजातियों की आवाज़ बार-बार टरटराहट जैसी होती हैं। रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर की आवाज़ “ट्र्रर्रर्रर्रर्रर्र” की तरह सुनाई देती है, जहां मानव कान द्वारा प्रत्येक सुर (Note) को स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है। इसकी तुलना में, टैगा फ्लाईकैचर की आवाज़ में तेज टरटराहट होती है जो अलग-अलग सुरों (Notes) को समझे बिना लम्बी निरंतर “ड्र्रर्रर्रर्रर्ट” की तरह लग सकती है। नीचे दी गई रिकॉर्डिंग और स्पेक्ट्रोग्राम इस तथ्य को स्पष्ट करते हैं; अलग-अलग सुरों (Notes) के मध्य अंतराल पर ध्यान दें।

दोनों प्रजातियों में अन्य स्वरोच्चारण भी हैं, विशेष रूप से एक टिकऔर कभी-कभी एक गिलहरी के समानचीप

कश्मीर फ्लाईकैचर

चोंच:

आमतौर पर कश्मीर फ्लाईकैचर की चोंच गहरे रंग की होती है जिसमें निचले मेंडिबल (इसकी चोंच का निचला अर्धभाग) में व्यापक पीला/हलका रंग होता है। हालाँकि, ध्यान दें कि चोंच स्पष्ट रूप से गहरे रंग से लेकर पूरी तरह से पीले/हलके रंग की हो सकती है! अक्सर वयस्क नर की चोंच विशेष रूप से पूरी तरह पीले/हलके रंग की होती है।

पक्षति या पक्षावरण (Plumage):

एक नर कश्मीर फ्लाईकैचर के गले और सीने पर लाल-बादामी रंग (Rufous) रेड-ब्रेस्टेड / टैगा की तुलना में अधिक व्यापक होता है और इसके आसपास एक स्पष्ट काली मूंछ-धारी (Malar Streak) होती है जो सीने के ऊपरी भाग तक फैली होती है ।

वयस्क मादाएं के शरीर का ऊपरी भाग हल्के भूरे रंग का होता हैं और आमतौर पर सीने पर लाल-बादामी (Rufous) रंग हल्का सा दिखाई देता है (कभी-कभी शल्कदार (Scaly) या धारीदार (Barred) दिखाई देता है) जो अक्सर निचले पेट (Lower belly) और बगल (Flanks) तक फैला होता है। उप-वयस्क नर में पक्षावरण अनिश्चित सा होता हैं और कुछ मादाओं के समान दिखाई दे सकते हैं जबकि अन्य के गले पर वयस्क नरो की भाँति परिवर्ती मात्रा में लाल-बादामी (Rufous) रंग हो सकता है।

नोट: एक उप-वयस्क कश्मीर फ्लाईकैचर में हो सकता है की, काली मूंछ-धारी (Malar Streak) नहीं हो और इसके बजाय लाल-बादामी अंडरपार्ट्स के ग्रे रंग के किनारे होते है जिससे यह रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर जैसा दिखता है; हालांकि, कश्मीर फ्लाईकैचर में लाल-बादामी अंडरपार्ट्स (Rufous underparts) आमतौर पर अधिक व्यापक होते हैं।

प्रजनन काल में एक वयस्क नर कश्मीर फ्लाईकैचर


एक उप-वयस्क कश्मीर फ्लाईकैचर

मादा पक्षियों में गहरे रंग की पूंछ के समान ही गहरे रंग के ऊपरी दुम पंखनी (Uppertail coverts) होती हैं (जैसे टैगा फ्लाईकैचर में) और कभी-कभी सीने पर हलका लाल-बादामी सा रंग भी होता है।


कश्मीर फ्लाईकैचर के सीने पर हलके लाल-बादामी (rufous) रंग पर ध्यान दें।

आवाज़:

जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, कश्मीर फ्लाईकैचर की आवाज़ लगभग रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर के समान ही है। कश्मीर फ्लाईकैचर का एक अद्वितीय “ईप ईप” कॉल भी है, जो फील्ड में उल्लेखनीय रूप से रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर के “सिप सिप” कॉल के समान ही सुनाई दे सकता है, लेकिन एक स्पेक्ट्रोग्राम (http://indianbirds.in/pdfs/IB7.6_Ganpule_KashmirFlycatcher.pdf) के आधार पर इन्हे विभेदित किया जा सकता है। कश्मीर फ्लाईकैचर की कॉल में एक ऊँचे-पिच वाला सुर (Note) है जो रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर की कॉल में अनुपस्थित है।


कश्मीर फ्लाईकैचर अपनी पूंछ पंखे की भांति फैला रहा है।

व्यवहार:

कश्मीर फ्लाईकैचर कभी-कभी पूंछ ऊपर करने के अलावा बार-बार अपनी पूंछ को पंखे की भांति खोलता रहता है, यह एक ऐसा व्यवहार जो अन्य दोनों फ्लाईकैचर में इतनी बार नहीं देखा जाता है। इसलिए, यदि आप एक फ्लाईकैचर को बार-बार अपनी पूंछ को पंखे की भांति फैलाते हुए देखते हैं, तो जांच शुरू करें क्योंकि आपके बीच एक दुर्लभ कश्मीर फ्लाईकैचर हो सकता है!


कश्मीर फ्लाईकैचर अपनी पूंछ पंखे की भांति फैला रहा है।

निष्कर्ष:

हालांकि यह आलेख उन प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करता है जिससे पहचान करने में मदद मिलती हैं, परन्तु याद रखें कि सटीक पहचान करने के लिए सिर्फ एक ही विशेषता को आधार बनाना अपर्याप्त हैं। इन तीन बहुत समान दिखने वाली फ्लाईकैचर को अलग करने के लिए आपको अक्सर कई विशेषताओं के संयोजन पर विचार करने की आवश्यकता होगी। उदाहरण के लिए, गहरे रंग की चोंच वाली “मादा-प्रकार” की फ्लाईकैचर तीनों में से कोई भी हो सकती है। लेकिन गहरे रंग की चोंच, गहरे रंग के ऊपरी दुम पंखनी (Uppertail coverts) और ‘ड्र्रर्रर्रर्रर्ट’ कॉल (जिसके अलग-अलग सुरों (Notes) को स्पष्ट नहीं समझा जा सकता है) वाली एक “मादा-प्रकार” की फ्लाईकैचर एक टैगा फ्लाईकैचर है! जैसा कि हम सभी जानते हैं, फिसेडुला (Ficedula) फ्लाईकैचर बहुत सक्रिय पक्षी हैं और हमेशा सहयोगी नहीं हो सकते हैं। कभी-कभी आपको बस झाड़ी में एक सरसरी सी झलक दिखाई देती है। ऐसे मामलों में आप हमेशा पक्षी की पहचान “टैगा/रेड-ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर” या “फिसेडूला एसप.” (Ficedula sp.) के रूप में कर सकते हैं और अगली बार अतिरिक्त सुराग खोजने का प्रयास करें। फ्लाईकैचर देखने के लिए शुभकामनाएं।

This article is available in English, Kannada, and Marathi 


शिर्षक छायाचित्र: रेड-ब्रेस्टेडफ्लाईकैचर © फरिद मोहम्मद/ मॅकॉले लायब्ररी

 

 

Subscribe
Notify of
guest

3 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
Dr.Vijay Singh Yadav
Dr.Vijay Singh Yadav
1 year ago

Wonderful observation and comparison

Mayurika Leuva
Mayurika Leuva
1 year ago

Much needed article in simple language. Thank you. May I translate in Gujarati?

Dr Jagdish Jatiya
Dr Jagdish Jatiya
1 month ago

This is very helpful article.

More Reads

ನೊಣಹಿಡುಕಗಳ ಗುರುತಿಸುವಿಕೆ: ನೆತ್ತರುಗಲ್ಲದ ನೊಣಹಿಡುಕ, ಬೂದು ನೆತ್ತರುಗಲ್ಲದ ನೊಣಹಿಡುಕ ಮತ್ತು ಕಾಶ್ಮೀರಿ ನೊಣಹಿಡುಕ

ನೊಣಹಿಡುಕಗಳ ಗುರುತಿಸುವಿಕೆ: ನೆತ್ತರುಗಲ್ಲದ ನೊಣಹಿಡುಕ, ಬೂದು ನೆತ್ತರುಗಲ್ಲದ ನೊಣಹಿಡುಕ ಮತ್ತು ಕಾಶ್ಮೀರಿ ನೊಣಹಿಡುಕ

ನೆತ್ತರುಗಲ್ಲ ನೊಣಹಿಡುಕ (Red-breasted Flycatcher), ಬೂದು ನೆತ್ತರುಗಲ್ಲ ನೊಣಹಿಡುಕ (Taiga Flycatcher) ಮತ್ತು ಕಾಶ್ಮೀರಿ ನೊಣಹಿಡುಕಗಳು (Kashmir Flycatcher) ಫಿಸೆಡುಲಾ (Ficedula) ಎಂಬ ಪ್ರಬೇಧಕ್ಕೆ ಸೇರಿರುತ್ತವೆ. ಈ ಮೂರು ನೊಣಹಿಡುಕಗಳು ನೋಡಲು ಒಂದೇ ರೀತಿ ಕಾಣುವುದರಿಂದ ಸಹಜವಾಗಿ ವೀಕ್ಷಕರನ್ನು ಗೊಂದಲಕ್ಕೀಡು ಮಾಡುತ್ತವೆ. ಆರಂಭದಲ್ಲಿ, ಎಲ್ಲಾ ಮೂರು ಜಾತಿಯ ನೊಣಹಿಡುಕಗಳನ್ನು ನೆತ್ತರುಗಲ್ಲ ನೊಣಹಿಡುಕದ ಉಪಜಾತಿಗಳೆಂದೇ ಪರಿಗಣಿಸಲಾಗಿತ್ತು, ಈಗ ಬೇರೆ ಬೇರೆ ಜಾತಿಯವು. ಇತ್ತೀಚಿಗಿನ ಆಣ್ವಿಕ ಸಂಶೋಧನೆಯು ಇವೆಲ್ಲವೂ ಒಂದೇ ಸೋದರಿಯ ಗುಂಪಿಗೆ ಸೇರಿದ್ದವೆಂದು ಅದನ್ನು ತೋರಿಸುತ್ತದೆ, ಅಂದರೆ ಇವೆಲ್ಲವುದರ ಇತ್ತೀಚಿಗಿನ ಮೂಲ ಪೂರ್ವಜರು ಒಂದೇ ಎಂದು ಅರ್ಥ.